Akasa Air Crisis : एयरलाइन कंपनी में जारी संकट के बीच सीईओ विनय दुबे ने कहा है कि जब पायलटों के एक छोटे समूह ने कंपनी को छोड़ दिया और अनिवार्य नोटिस पीरियड को पूरा किए बिना चले गए, तो इससे जुलाई-सितंबर के बीच हमें अंतिम समय में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
दिवंगत निवेशक और शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के निवेश वाली एयरलाइंस Akasa Airlines पर संकट गहरा गया है. प्राइवेट सेक्टर की इस विमानन कंपनी के 43 पायलटों ने अचानक इस्तीफा दे दिया है और इसकी जानकारी खुद एयरलाइंस ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी है. इन पायलटों के इस्तीफा देने से कंपनी संकट में है और ये बंद भी हो सकती है!
पायलटों ने पूरा नहीं किया नोटिस पीरियड
आकासा एयरलाइंस का पक्ष रखते हुए वकील ने दलील दी कि जो पायलट अचानक कंपनी इस्तीफा देकर चले गए हैं, उनमें से किसी फर्स्ट ऑफिसर या फिर कैप्टन ने नोटिस पीरियड का पालन नहीं किया है. इन पदों के लिए क्रमश: 6 महीने और एक साल नोटिस पीरियड था. पायलटों के एकदम से चले जाने के कारण एयरलाइंस को सितंबर में हर दिन करीब 24 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ रही है और इससे कंपनी को भारी घाटा हो रहा है।
रोजाना 120 उड़ानें संचालित करती है आकासा
एयरलाइन कंपनी की ओर से बताया गया कि अगस्त में हम करीब 600 फ्लाइट रद्द कर चुके हैं और अगर इसी तरह से पायलट एयरलाइंस छोड़कर जाते रहे तो सितंबर में भी 600 से 700 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि Akasa Air विभिन्न एयर रूट्स पर रोजाना करीब 120 उड़ानें संचालित करती है. वकील की ओर से दलील दी गई कि किसी भी पायलट के कंपनी को छोड़कर अचानक जाने की स्थिति में तत्काल दूसरे की तैनाती मुश्किल होती है।
‘हमें अंतिम समय में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं’
Akasa Air में जारी संकट के बीच बुधवार को एयरलाइंस के सीईओ विनय दुबे (Akasa Air CEO Vinay Dube) ने कहा कि जब पायलटों के एक छोटे समूह ने अपने कर्तव्यों को छोड़ दिया और अपने अनिवार्य नोटिस पीरियड को पूरा किए बिना चले गए, तो इससे जुलाई और सितंबर के बीच उड़ानों में व्यवधान पैदा हुआ, जिससे अंतिम समय में हमें उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
क्या इसलिए दिया आकासा के पायलटों ने इस्तीफा!
एयरलाइन ने अदालत से एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अनिवार्य नोटिस पीरियड नियमों को लागू करने का अधिकार देने का आग्रह भी किया है. वहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आकासा एयर से निकले ये पायलट राइवल एयरलाइंस में शामिल हो गए हैं और इसीलिए आनन-पानन में बिना नोटिस पूरा किए चले गए. एयरलाइंस के अधिकारियों ने इसे चिंताजनत और अनैतिक करार दिया है।
एविएशन मार्केट में कम हो गई हिस्सेदारी
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए (DGCA) के ताजा आंकड़े इस बात को दर्शा रहे हैं कि अगस्त 2023 में अकासा एयर की बाजार हिस्सेदारी एक महीने पहले जुलाई में 5.2 फीसदी से घटकर 4.2 फीसदी पर आ गई है. घरेलू विमानन कंपनियों के क्रम में अकासा के अगस्त के आंकड़े इसे स्पाइसजेट से नीचे ले जाते हैं. गौरतलब है कि Akasa Air ने पहली बार अगस्त 2022 में उड़ान भरी थी और जून महीने में ही बाजार हिस्सेदारी के मामले में स्पाइसजेट से आगे निकल गई थी, इसके बाद ये जुलाई में भी आगे रही थी.