आज 3 अक्टूबर मंगलवार को पंचमी तिथि का श्राद्ध है। तिथि अनुसार श्राद्ध करने का पुण्य फल भी अलग-अलग प्राप्त होता है। पितृ पक्ष की 16 तिथियों के 16 पुण्य फल मिलते हैं। इसमें 7 तिथियों पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है. उस दिन पितरों का श्राद्ध करने से धन, ऐश्वर्य, संतान सुख आदि की प्राप्ति होती है।
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि पितृ पक्ष की 16 तिथियों के 16 पुण्य फल मिलते हैं. इसमें 7 तिथियों पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है और उस दिन पितरों का श्राद्ध करने से धन, ऐश्वर्य, संतान सुख आदि की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा, प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, अष्टमी और द्वादशी तिथि को श्राद्ध करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है. जानते हैं पितृ पक्ष की 16 तिथियों पर श्राद्ध करने के क्या पुण्य फल मिलते हैं?
पितृ पक्ष में तिथि अनुसार मिलने वाले फल
1. पूर्णिमा तिथि श्राद्ध: धन, ऐश्वर्य, पुत्र, बुद्धि, बल, सुख आदि की प्राप्ति होती है।
2. प्रतिपदा तिथि श्राद्ध: अक्षय धन और संपत्ति मिलती है।
3. द्वितीया तिथि श्राद्ध: सुख, सुविधाओं, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होगी।
4. तृतीया तिथि श्राद्ध: अक्षय धन प्राप्त होगा, दुखों से मुक्ति मिलेगी और दुश्मनों पर विजय प्राप्त होगी।
5. चतुर्थी तिथि श्राद्ध: मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और हर दिशा में उन्नति होती है।
6. पंचमी तिथि श्राद्ध: अकूत धन और संपत्ति मिलती है, निधन के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
7. षष्ठी तिथि श्राद्ध: इस दिन पूजा स्वीकार होती है और देव प्रसन्न होते हैं।
8. सप्तमी तिथि श्राद्ध: यज्ञ के समान पुण्य मिलता है।
9. अष्टमी तिथि श्राद्ध: सुख और समृद्धि के साथ सिद्धियां प्राप्त होंगी।
10. नवमी तिथि श्राद्ध: मनोवांछित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
11. दशमी तिथि श्राद्ध: इस दिन श्राद्ध करने से धन की प्राप्ति होती है, जिसका क्षय नहीं होता है. वह स्थिर रहता है।
12. एकादशी तिथि श्राद्ध: भगवान विष्णु की कृपा मिलती है, सभी दुख और पाप से मुक्ति मिलती है।
13. द्वादशी तिथि श्राद्ध: अकूत धन-संपत्ति के साथ अन्न से घर भरे रहते हैं।
14. त्रयोदशी तिथि श्राद्ध: उत्तम संतान, बुद्धि और लंबी आयु प्राप्त होती है।
15. चतुर्दशी तिथि श्राद्ध: असमय मृत्यु को प्राप्त पितरों को शांति प्राप्त होती है।
16. अमावस्या तिथि श्राद्ध: पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पितृ पक्ष 2023: कब कौन सी तिथि का श्राद्ध है?
29 सितंबर: पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध
30 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध
1 अक्टूबर: तृतीया श्राद्ध
2 अक्टूबर: चतुर्थी श्राद्ध
3 अक्टूबर: पंचमी श्राद्ध
4 अक्टूबर: षष्ठी श्राद्ध
5 अक्टूबर: सप्तमी श्राद्ध
6 अक्टूबर: अष्टमी श्राद्ध
7 अक्टूबर: नवमी श्राद्ध
8 अक्टूबर: दशमी श्राद्ध
9 अक्टूबर: एकादशी श्राद्ध
10 अक्टूबर: मघा श्राद्ध
11 अक्टूबर: द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर: त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर: चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर: अमावस्या श्राद्ध