NUH VIOLENCE: देश का एक और पिछड़ा इलाका आगया है हिंसा की आग में। NCR से सेल हुए इस इलाके को हम मेवात के नाम से भी जानते है और अगर इसका इतिहार पढ़े तो ये पिछड़ा इलाका होने के साथ साथ अपराधियों की शरण स्थली भी माना जाता है। पिछले सोमवार को हुयी हिंसा बहुत ही भयानक रूप ले चुकी है। इलाके का इंटरनेट बंद किया गया है। सोमवार को हुयी इस सांप्रदायिक हिंसा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनता से शांति बनाये रखने को कहा है। उन्होंने बताया की 116 लोग गिरफ्तार हुए है। इस हिंसा में कई पुलिस अधिकारी और जनता के लोगो को गंभीर चोट आयी है।
नूह में क्यों भड़की है हिंसा ?
उत्तर भारत का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला जिला है नूंह। नूह (मेवात) में लगभग 80% मुस्लिम आबादी है। नूंह, भारत का 14वां सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला जिला है। नूह की स्थिति इसी बात से लगा सकते है की ये एनसीआर का दूसरा सबसे गरीब जिला है। यह एक सार्वजनिक तथ्य है कि एनसीआर में जारी बहुत से अपराध और अपराधियों की उत्पत्ति नूंह से होती है, उनका सुरक्षित ठिकाना भी इसी जिले में है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नूंह के अपराधी पिछले पांच वर्षों में एक बार भी सांप्रदायिक दंगे में नहीं फंसे हैं।
इस जिले की भौगोलिक परिस्थिति के कारण अपराधी आसानी से बच निकलते हैं। नूंह जिला हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से अपना बॉर्डर साझा करते है जिससे अपराधी दबिश पड़ने पर दूसरे राज्यों में छिप जाते है।
हिंदुओं के एक समूह ने बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकालने का प्रोग्राम बनाया। उसके लिए 27 जुलाई को नूंह पुलिस और जिला अधिकारियों ने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के निवासियों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से निकाले जाने पर सहमति बनी थी।
यात्रा से पहले (29 जुलाई को) स्वघोषित गौरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर एक वीडियो लगाया। राजस्थान के जुनैद और नासिर की हत्या के आरोपी मोनू ने वीडियो में कहा कि मैं खुद यात्रा में रहूंगा और मेरी पूरी टीम भी मौजूद रहेगी। हालांकि मोनू यात्रा में नहीं आया। लेकिन नूंह में यात्रा पर कथित हमले के बाद हिंसा भड़क गई और आस-पास के इलाकों में फैल गई।
कौन है मोनू मानेसर ?
बजरंग दल का सदस्य मोनू मानेसर मेवात क्षेत्र में गोरक्षकों का प्रमुख चेहरा है। वह अपने कुछ साथियों के साथ गो-तस्करी रोकने के लिए काम करने का दावा करता है। गोतस्करी विरोधी अभियानों को लेकर मोनू मानेसर पहले भी सुर्खियों में रहा है। मोनू का नाम कुछ महीने पहले तब काफी सुर्खियों में रहा जब उस पर नासिर और जुनैद का अपहरण करके उनकी हत्या का आरोप लगा। हालांकि, मोनू मानेसर ने कहा था कि जिस दिन यह वारदात हुई वह गुरुग्राम में था और उसका इससे कुछ लेना देना नहीं है। मोनू मानेसर यूट्यूब पर भी फेमस है। मोनू मानेसर के फेसबुक पर 83000 और यूट्यूब पर 2,05,000 सब्सक्राइबर्स हैं। वह यूट्यूब चैनल पर अक्सर गोरक्षा से जुड़े वीडियो में गाड़ी में तमंचा रख कर गाने के साथ वीडियो डालता रहता है।
हत्या का है आरोप मोनू मानेसर पर
राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले नासिर और जुनैद का कथित तौर पर 15 फरवरी को गौरक्षकों ने अपहरण कर लिया था और अगले दिन उनके शव हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में पाए गए थे. राजस्थान पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दायर कर मोनू मानेसर को आरोपी बनाया है. हालांकि, मोनू मानेसर ने अपहरण और हत्या के आरोपों से इनकार किया है और फिलहाल फरार है।
फिक्स प्लान था क्या नूह हिंसा ?
मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिंसा के पूरे पैटर्न को देखकर यह साफ हो जाता है कि हमले के पीछे एक सोची-समझी साजिश थी। असामाजिक तत्वों ने न केवल जुलूस के सदस्यों को वरन पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में अब तक 44 एफआईआर दर्ज की गई हैं। कुल 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नूंह में अर्धसैनिक बलों की 16 कंपनियां और हरियाणा पुलिस की 30 कंपनियां तैनात की गई हैं। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उपद्रवियों की पहचान के लिए सूत्रों की मदद भी ली जा रही है। वायरल वीडियो फुटेज की मदद से भी असामाजिक तत्वों को पकड़ा जा रहा है। उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।