पटना में हुई विपक्ष की मीटिंग में क्या-क्या हुआ था?
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विपक्ष की मीटिंग के लिए पटना पहुंचे थे. मीटिंग में शामिल भी हुए, लेकिन 4 घंटे की मीटिंग के बाद जब विपक्षी नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस हुई तो वो उसमें शामिल नहीं हुए. इसके तुरंत बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. AAP ने धमकी दी कि अगर कांग्रेस राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश को रोकने से इनकार करती है तो वो किसी भी कांग्रेस-समर्थित गठबंधन से दूर रहेगी.
अब सवाल ये है कि पटना में विपक्ष की मीटिंग में ऐसा क्या हुआ जो AAP के मुखिया मीटिंग के तुरंत बाद दिल्ली वापस चले आए. और तुरंत कांग्रेस के खिलाफ उनकी पार्टी बयान देने लगी.
मीटिंग में क्या हुआ था?
इस बारे में पता किया इंडिया टुडे से जुड़े अमित भारद्वाज ने. अमित की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैठक के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने बैठक में दो स्पष्ट मांगें रखीं. पहला कांग्रेस को केंद्र द्वारा लाए जा रहे दिल्ली के अध्यादेश को लेकर अपना रुख सार्वजनिक करना चाहिए. दूसरा उसे संसद में इस अध्यादेश का विरोध करना चाहिए.
AAP से जुड़े सूत्रों ने कहा,
‘कांग्रेस ने कहा कि वो ऐसे असंवैधानिक अध्यादेश के लिए वोट कैसे कर सकती है? लेकिन उसने इस बारे में अपना रुख सार्वजनिक करने को लेकर वादा वादा नहीं किया.’
आम आदमी पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्र ने ये भी बताया कि राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी में ऐसे मुद्दों (अध्यादेश के समर्थन या विरोध) पर निर्णय लेने की एक प्रक्रिया है. और वे उस प्रक्रिया का ही पालन करेंगे.
पर्सनल मीटिंग पर राहुल गांधी क्या बोले?
इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी के साथ पर्सनल मीटिंग को लेकर कई बार अनुरोध किया. सूत्र के मुताबिक,
‘चाय के बहाने होने वाली इस मीटिंग में केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा करना चाहते थे और AAP और कांग्रेस के बीच मतभेदों को सुलझाना चाहते थे… विपक्ष की मीटिंग के दौरान कांग्रेस का रुख देखते हुए AAP ने अपनी मांगें भी कम कर दीं और इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को कम से कम दिल्ली अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए.’
बताते हैं कि मीटिंग के अनुरोध का राहुल गांधी या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केजरीवाल को कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया. AAP से जुड़े सूत्र ने आगे कहा,
‘यहां तक कि चाय-बैठक के अनुरोध के लिए भी राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के भीतर एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना चाहिए. राहुल जी ने आगे भी किसी बैठक के लिए वादा नहीं किया.’
आजतक की खबर के मुताबिक पटना में मीटिंग के दौरान कांग्रेस ने ये भी कह दिया कि विपक्ष की मीटिंग के बाद जो संयुक्त बयान दिया जाएगा, उसमें दिल्ली अध्यादेश मुद्दे का जिक्र नहीं होना चाहिए. माना जा रहा है कि इस वजह से ही केजरीवाल और भगवंत मान विपक्षी नेताओं की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए.