टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे। विश्लेषकों ने कहा, “निवेशकों ने मान लिया है कि वित्त वर्ष 2024 बर्बाद हो गया है और उन्होंने अपना ध्यान वित्त वर्ष 2025 पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उन्हें रिबाउंड की उम्मीद है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र का बुरा दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वित्तीय सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी, जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने आईटी सेक्टर को लेकर आउटलुक जारी किया है। जेपी मॉर्गन ने आईटी कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले कहा कि इस सेक्टर में चुनौती बनी रहेगी। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने कहा कि हम इस क्षेत्र पर नकारात्मक बने हुए हैं क्योंकि हमने अपनी हालिया सर्वे में मांग में अच्छी वृद्धि नहीं देखी है। हमें लगता है कि दूसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजें अच्छे नहीं देखने को मिलेंगे।
विश्लेषकों ने कहा कि इंफोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएलटेक समेत तमाम भारतीय आईटी कंपनियों ने पहले ही बता दिया है कि उनके अधिकांश क्लाइंट अमेरिका से हैंं। अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में मंदी के चलते आईटी सेवा लेने वाली कंपनियां अपना खर्च कम कर रही हैं। इसके साथ ही वे कॉन्टैक्ट भी रद्द कर रहे हैं, क्योंकि आर्थिक विकास की दर धीमी हो गई है और लंबे समय तक ब्याज दरें ऊंची रहने की आशंका है।
चालू वित्त वर्ष में मिली निराशा
विश्लेषकों ने कहा, “निवेशकों ने मान लिया है कि वित्त वर्ष 2024 बर्बाद हो गया है और उन्होंने अपना ध्यान वित्त वर्ष 2025 पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उन्हें रिबाउंड की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि निफ्टी आईटी इंडेक्स ने पिछले तीन महीनों में ब्लू-चिप निफ्टी 50 से बेहतर प्रदर्शन किया है। विश्लेषकों ने कहा कि इस तिमाही की आय रिपोर्ट और ऑर्डर को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2025 की वृद्धि का आकलन किया जाएगा। जेपी मॉर्गन को वित्त वर्ष 2025 में लार्ज-कैप आईटी कंपनियों के लिए सिंगल डिजिट आय वृद्धि की उम्मीद है, जबकि बाजार की उम्मीदें दोहरे अंक की वृद्धि की हैं।
अगले हफ्ते से रिजल्ट आने शुरू होंगे
टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे। बहरहाल, जेपी मॉर्गन ने इंफोसिस को “अंडरवेट” से “न्यूट्रल” में अपग्रेड करते हुए कहा कि इस कंपनी को लेकर बेहतरी की उम्मीद काफी कम है। अगर बड़ी डील होती है तो वित्तीय वर्ष 2025 को लेकर राय बनाने में सहूलियत होगी। जेमी मॉर्गन ने कहा कि वह मिड-कैप कंपनियों के लिए कम दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद करता है।