Ram Mandir: अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक लगेंगे 290 स्तंभ, हर तरफ दिखेगा त्रेता युग का नजारा!

देशभर के 290 स्थान पर लगाए जाने वाले इन स्तंभों में से पहला स्तंभ अयोध्या पहुंचा है, जिसे सबसे पहले मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा।

अयोध्या में एक तरफ प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होने वाले हैं। तो अब वहीं दूसरी तरफ वनवास के दौरान जिन-जिन स्थानों पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरण पड़े थे। अब उसकी गाथा श्री राम स्तंभ के जरिए आगामी पीढ़ी को बताई जाएगी। जिस राम मंदिर में राजस्थान के बलुआ पत्थर से भव्य मंदिर जाकर ले रहा है। उसी पत्थर से इस श्री राम स्तंभ को भी बनाया गया है। इतना ही नहीं जिस जिस स्थान पर प्रभु राम गए। उस स्थान से संबंधित जानकारियां बाल्मीकि रामायण में वर्णित श्लोक और उसके अर्थ स्थानीय भाषा में लिखे हुए हैं।

श्री राम स्तंभ लगाने की शुरुआत अयोध्या के मणि पर्वत से होगी और यहां लगाए जाने वाला स्तंभ राजस्थान से अयोध्या पहुंच चुका है. अयोध्या के कार सेवक पुरम में बाकायदा इस स्तंभ का पूजन अर्चन किया गया. यह पूरी योजना श्री राम जन्मभूमि समिति के तत्कालीन अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के नाम पर बने ट्रस्ट ने तैयार की है. वही उसके खर्च का जिम्मा भी उठाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस ट्रस्ट के सदस्य हैं. लिहाजा दोनों ट्रस्टों के बीच बेहतर समायोजन से यह पूरी योजना तैयार की गई है।

मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा

देशभर के 290 स्थान पर लगाए जाने वाले इन स्तंभों में से पहला स्तंभ अयोध्या पहुंचा है। जिसे सबसे पहले मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा। इसके बारे में मान्यता है कि माता सीता यहां कभी झूला झूला करती थीं. इन स्तंभों पर उक्त स्थान से संबंधित जानकारियां स्थानीय भाषा समेत चार अलग-अलग भाषाओं में लिखी होंगी. इसके बावजूद अगर किसी को उस स्थान से संबंधित अतिरिक्त जानकारी चाहिए. तो इस पर अंकित एक बार कोड को स्कैन करना होगा. इसके बाद संबंधित स्थान का विस्तृत विवरण सामने आएगा।

एक माला में पिरोने का संकल्प

अशोक सिंघल फाउंडेशन केमैनेजर मनोज कुमार बताते हैं कि अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक प्रभु राम की जो वन गमन यात्रा रही है, उसको एक माला में पिरोने का संकल्प अशोक सिंघल फाउंडेशन ने लिया है. जहां-जहां प्रभु राम वन गमन के दौरान रुके थे. वहां-वहां 290 स्थलों पर श्रीराम स्तंभ लगाया जाएगा, ताकि आगामी युवा पीढ़ी उसे स्थान की ऐतिहासिकता और धार्मिकता जान सके।

बाल्मिक रामायण का भी वर्णन

इतना ही नहीं श्री राम स्तंभ पर जहां-जहां प्रभु राम रुके, उसे स्थल के बारे में बाल्मिक रामायण के इस लोगों का भी वर्णन किया जाएगा. स्थानीय भाषा के माध्यम से उसको चरितार्थ किया जाएगा. इसके साथ ही प्रत्येक श्रीराम स्तंभ पर एक क्यू आर कोड भी लगाया जाएगा. जिसके माध्यम से उसे जगह की हकीकत को पता लगाया जा सके।