लक्ष्मण किलाधीश स्वामी सीताराम शरण की 27 वीं पुण्य स्मृति में विविध अनुष्ठान शुरू हो गया है। इनमें नाम कांति व धाम कांति सहित सप्त कांतियो का पारायण चल रहा है। इसकी पूर्णाहुति 8 मार्च को होगी। इस अवसर पर महंत मैथिली रमण शरण महाराज के निर्देशन में स्वामी सीताराम शरण को संतों द्वारा श्रद्धांजलि दी जाएगी। लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण ने बताया कि कांतियो की रचना संस्थापक लक्ष्मण किला के संस्थापक आचार्य और सिद्ध संतों में अग्रणी स्वामी युगलानन्य शरण महाराज ने की थी। यह लक्ष्मण किला का प्रतिनिधि ग्रंथ है।इनमें भगवान श्रीराम के नाम,रूप,लीला और धाम का वर्णन है। स्वामी युगलानन्य शरण के उत्तराधिकारी लक्ष्मण किलाधीश स्वामी सीताराम शरण महाराज उच्च कोटि के विद्वान संत थे।उत्तर भारत में रामकथा के शास्त्रीय प्रवक्ता के रूप में उनकी विशिष्ट पहचान थी। सिद्ध संत स्वामी करपात्री जी महाराज के नेतृत्व में उन्होंने गौ हत्या बंदी की मांग के समर्थन में आंदोलन में भागीदारी की और सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े रहे। उनकी स्मृति में ग्रंथों का पारायण/गायन किला के संतों द्वारा किया जा रहा हैं। समारोह में लक्ष्मण किला के अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण,महंत छोटू शरण और महंत अनिल कुमार शरण आदि व्यवस्था संभाल रहे हैं।